एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी – रालोद गठबंधन भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जाटों और मुसलमानों को एकजुट करने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ भगवा ब्रिगेड अपने हिंदुत्व को लेकर जाट समुदाय को लगातार लुभा रही है। बतादें कि जाटों की संख्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगभग 17 प्रतिशत है। प्रदेश की लगभग 40 विधानसभा सीटों और 10 लोकसभा सीटों पर उनका महत्वपूर्ण प्रभाव है। चुनाव के पहले चरण में जाट बाहुल्य शहर मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, शामली, हापुड़, बागपत, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा और आगरा की 58 सीटों पर मतदान होगा। योगीजी के हिंदुत्व एजेंडे का मुकाबला करने के लिए, सपा 17 प्रतिशत जाट और 26 प्रतिशत मुसलमानों के दुर्जेय संयोजन को रालोद के साथ गठबंधन के बाद वापस पटरी पर लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। 2014 में जाट वोटों का झुकाव बीजेपी की तरफ होने लगा था।
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