वृद्ध महिला संतोषिनी मिश्रा जो पहले अपना परिवार चलाने के लिए अलग-अलग घरों में जाकर खाना बनाती थी , आज वह अपने खाने के लिए इतनी मशहूर हो गई हैं कि उन्होंने इस काम को एक खानपान व्यवसाय में बदल दिया है। ओडिशा के संबलपुर की 74 वर्षीय संतोषिनी ने वर्तमान में अपने इस व्यवसाय से 100 कर्मचारियों को रोजगार दिया हुआ है। संतोषिनी का कहना है कि उन्हें खाना पकाने का विशेष शौक है क्योंकि इसने उन्हें कई बार आर्थिक रूप से स्वतंत्र बना दिया था जब वह वह जीवन चलाने के लिए आर्थिक संघर्ष कर रही थीं। संतोषिनी यह व्यवसाइक यात्रा तब शुरू हुई जब उन्हें लोगों के पेट भरने के लिए खाना बनाना पड़ा।भले ही उन्होंने अपना काम उस दौर में शुरू किया था जब महिलाओं को अपने घरों से बाहर काम करने की अनुमति नहीं थी, फिर भी वह अपने परिवार की देखभाल के लिए अलग-अलग घरों में जाकर खाना बनाती थी। अब शादी हो, जन्मदिन हो या कोई अन्य समारोह शहर के अधिकांश लोग ‘संतोषिनी मामा’ द्वारा पकाए गए स्वादिष्ट भोजन को पसंद करते हैं, जिसका अर्थ संबलपुरी भाषा में संतोषिनी ‘दादी’ होता है।
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