नई दिल्ली – ताइवान सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विरासत को खोजने के लिए वहाँ के अभिलेखागार और डेटाबेस को खोलने की पेशकश की है। नई दिल्ली में ताइवान दूतावास के ताइपे इकोनॉमिक एंड कल्चरल सेंटर के डिप्टी रिप्रेजेंटेटिव श्री मुमिन चेन ने फिक्की द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में इसकी पेशकश की । ताइवान आखिरी देश था जिसमें उन्हें जीवित देखा गया था।1940 के दशक में ताइवान जापानी कब्जे में था। मन जाता है कि नेताजी की मृत्यु 1945 में ताइवान में एक दुर्घटना में हुई थी। किन्तु इस सम्बन्ध में विवाद अभी भी बना हुआ है जो इससे इनकार करता है।ताइवान दूतावास के अधिकारी श्री मुमिन चेन ने भारत को फिर से इस खोज में मदद करने की पेशकश की।