Monday, February 06 2023
November 13, 2021
नई दिल्ली – अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और मधुमेह फाउंडेशन के सहयोग से फोर्टिस सी-डॉक के शोधकर्ताओं के अनुसार मधुमेह से पीड़ित लोग कोविड-19 की चपेट से हर हालत में बचना चाहिए। यह मधुमेह और मेटाबोलिक सिंड्रोम, क्लिनिकल रिसर्च एंड रिव्यू जर्नल में विश्व स्तर पर प्रकाशित अपनी तरह का पहला शोध है। शोधकर्ताओं ने देखा मधुमेह से पीड़ित लोगों को वायरस से संक्रमित होने पर दुर्बल करने वाली थकान के लिए तैयार रहना चाहिए। शोधकर्ताओं की टीम ने देखा कि टाइप 2 मधुमेह (T2D) के जिन रोगियों को कोविड -19 था, उनमें संक्रमण न करने वालों की तुलना में काफी अधिक थकान दिखाई दी।
भारी थकान वाले लोगों में संक्रमण के दौरान उच्च भड़काऊ मार्कर होने की संभावना होती है और साथ ही बाद में रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि होती है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और मधुमेह फाउंडेशन के सहयोग से फोर्टिस सी-डॉक के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन के अनुसार,मधुमेह से पीड़ित लोग संक्रमित होने पर अपने हाथ की काम ताकत महसूस करते हैं।
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